राखी का त्यौहार इन सभी भारतीय त्योहारों में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्राचीन काल से इस उत्सव को भारत में भाई-बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में मनाया जाता आ रहा है।

एक भाई-बहन के बीच की बॉन्डिंग का महत्त्व सभी रिश्तों में सबसे अनोखी एवं खास होती है, जिसे  शब्दों में वर्णित करना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा।

रक्षा बंधन का त्यौहार श्रावण के महीने में हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त महीने में आता है।

Raksha Bandhan Meaning

यह त्योहार दो शब्दों से मिलकर बना है , “रक्षा” एवं “बंधन।” संस्कृत शब्दावली के अनुसार रक्षा का अर्थ है “सुरक्षा की गाँठ” वहीँ  “बंधन” का अर्थ है बांधने की क्रिया।

अतः रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ हुआ रक्षा का बंधन या सम्बन्ध जिसे एक भाई अपनी बहन के साथ आजीवन निभाने के वादे के साथ उसके साथ बांध जाता है।

विभिन्न धर्मों में रक्षा बंधन का महत्व

मुख्यतः इस त्यौहार को भारत में हिन्दू मान्यता में विश्वास करने वाले लोग ही मनाते है. लेकिन अन्य धर्म एवं जातियों के लोग भी इसको मनाते हैं।

जैन धर्म

इस त्यौहार को जैन समुदाय द्वारा भी धूमधाम से मनाया जाता है। जैन मंदिरों में  जैन पुजारी भक्तों को रक्षा सूत्र के  धागे देते हैं।

सिख धर्म

भाई-बहन के प्यार को समर्पित यह त्योहार सिखों द्वारा “रखड़ी” या राखी के रूप में मनाया जाता है। सिख धर्म के अनुयायी अपने गुरु के साथ अपनी प्रतिबद्धता के रूप में भी इसे मनाते हैं।

रक्षाबंधन की पूजा

राखी के दिन बहन अधिकतर अपने भाई के घर राखी बांधने जाती है,किन्तु कोई समस्या होने पर भाई भी कई बार बहन के यहां जाकर राखी बंधवाते हैं।

इस त्यौहार में सबसे महत्वपूर्ण पूजा की थाली होती है। इसमें भाई को टीका करने के लिए रोली,चावल एवं दीपक के साथ ही सुन्दर राखी तथा मिठाई रखी जाती है।

इस प्रक्रिया में सबसे पहले बहन अपने भाई को रोली से टीका करें। टीका करने के लिए पहले अनामिका अंगुली या फिंगर में रोली लगाकर भाई के मस्तक पर भौहों के बीच टीका लगाएं।

राखी बांधने का तरीका

भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें , राखी साधारण धागे या चांदी/ सोने की बनी हो सकती है। किन्तु असली महत्वे प्रेम का होता है।